Sunday, July 22, 2012

Economic Hub will Orange City

भविष्य में उपराजधानी देश के इकोनॉमिक हब के रूप में उभरकर सामने आएगी. राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि जिस गति से एक के बाद एक प्रोजेक्ट नागपुर में आ रहे हैं, उसे देखते हुए आने वाले 15-20 वर्षों में यह सपना साकार हो जाएगा.

शनिवार को सिविल लाइंस में नवनिर्मित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रॉपर्टी मैनेजमेंट संस्था (एनआईआईपीएम) का औपचारिक उद््घाटन केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने किया. इस अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री चव्हाण प्रमुख अतिथि के रूप में बोल रहे थे. श्री चव्हाण ने बताया कि पिछले 5 से 10 वर्ष की कालावधि में नागपुर में मिहान, कागरें हब, सेज शुरू हो चुके हैं. और अब नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड मैन्यूफैक्चरिंग जोन (एनआईएमजेड)शुरू होने वाला है. इसके आने के बाद यहां के लाखों युवाओं को रोजगार हासिल होगा. साथ ही देश के६ विकास में तेजी आएगी.आज देश के दूसरे राज्यों की तुलना में पेटेंट के लिए सबसे अधिक आवेदन महाराष्ट्र से होते हैं.

ऐसे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रॉपर्टी मैनेजमेंट संस्था (एनआईआईपीएम)का नागपुर में शुरू होना उल्लेखनीय उपलब्धि है. विश्‍व के सभी देशों में बौद्धिक संपदा को बढ.ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. इसे देखते हुए देश के प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रबंधन संस्थान तथा विश्‍वविद्यालयों को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. साथ ही इसका संरक्षण होना भी बेहद जरूरी है.समारोह में केंद्रीय सामाजिक न्यायमंत्री मुकुल वासनिक तथा केंद्रीय उद्योग सचिव सौरभ चंद्र प्रमुख रूप से उपस्थित थे.इसके अलावा राज्य के रोगायो मंत्री नितिन राऊत, वित्त राज्यमंत्री राजेंद्र मुलक, विधायक एस.क्यू. जमा. राष्ट्रसंत तुकड.ोजी महाराज नागपुर विश्‍वविद्यालय के कुलपति डॉ. विलास सपकाल, शहर कांग्रेस अध्यक्ष जयप्रकाश गुप्ता, दीपक काटोले, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अनीस अहमद, संस्था के महानियंत्रक चैतन्य प्रसाद और उपनियंत्रक बी. पी. सिंह भी मौजूद थे.

इनोवेशन और रिसर्च से ही देश की प्रगति : शर्मा
केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने वैश्‍विक स्तर पर मिल रही चुनौतियों का जिक्र करते हुए इनोवेशन और रिसर्च की जरूरत पर बल दिया. साथ ही कहा कि खोज और अनुसंधान पर ही देश की प्रगति निर्भर है. विश्‍व के दूसरे देशों की तुलना में भारत में युवाओं की संख्या अधिक है, किंतु इस मामले में हमारा प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है. औद्योगिक क्षेत्र में विकास की गति बढ.ने से आने वाले 10 सालों में 1 करोड. युवाओं को रोजगार मिल सकता है. श्री शर्मा ने कहा कि देश में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, गणित व सांख्यिकी विषय से हर साल 30 लाख विद्यार्थी स्नातक की उपाधि हासिल करते हैं. स्नातकोत्तर पाठय़क्रम में यह संख्या घटकर 10 लाख हो जाती है. पीजी के बाद पी.एचडी. करने की दिलचस्पी बहुत कम विद्यार्थियों में होती है, जबकि विश्‍व के दूसरे देशों में खोज और अनुसंधान की ओर युवाओं का झुकाव अधिक है. देश के युवाओं का भी रुझान इस ओर तेजी से बढ.ाना जरूरी है.वर्तमान दशक 'इनोवेशन' का है. युवाओं को चाहिए कि वे अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए नई खोज करें. देश के जीडीपी में इनोवेशन की हिस्सेदारी 1 फीसदी है. इसमें इजाफा होना बेहद जरूरी है.
फिर होगी..                                               

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