मनीषनगर स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर 24 घंटों में कम से कम 200 बार रेलवे गेट
बंद होता है.इससे लोगों को घंटों प्रतीक्षा करनी पड.ती है.गेट खुलते ही आगे
जाने के लिए भाग-दौड. शुरूहो जाती है.आवागमन के लिए एक ही रास्ता होने के
कारण लगभग रोज ही तू-तू, मैं-मैं की नौबत आती है. यहां से गुजरने वाले और
आसपास रहने वाले नागरिकों ने ओवर ब्रिज बनाने की मांग की है.
मनीषनगर निवासी राजू बाराहाते ने बताया कि सालों से हम रेलवे गेट की परेशानियों से जूझ रहे हैं, पर हमारी परेशानियों को सुलझाने वाला कोई नहीं है. यहीं के बिपिन खेरडकर ने कहा कि रेलवे क्रॉसिंग के दोनों ओर रोड डिवाइडर तक की व्यवस्था नहीं है. गेट खुलते ही इंतजार में खडे. लोग जल्दी निकलने की फिराक में रहते हैं. वाहनधारक चिलचिलाती धूप में लंबे इंतजार से आगबबूला होकर एक-दूसरे की गाड.ियों को ठोंक देते हैं. ब्रिजेश शर्मा ने कहा कि
वर्धा रोड की ओर जाने के लिए मजबूरन मनीषनगर रेलवे गेट से होकर गुजरना पड.ता है. सुबह स्कूली बच्चे और ऑफिस जाने वाले लोगों से यातायात बाधित होता है. रेलवे गेट कब बंद होगा इसका कोई भरोसा नहीं है. इसलिए लोग अपनी सुविधा के अनुसार गेट बंद होने की मुसीबत से बचने के लिए आधा से एक घंटा पहले ही घर से निकलते हैं, ताकि स्कूल और ऑफिस के लिए देरी न हो. लोगों को रेलवे क्रॉसिंग से गुजरते वक्त बहुत मशक्कत करनी पड.ती है.पर्यावरण नगर निवासी अर्चना शर्मा ने बताया कि गेट खुलने के बाद भारी यातायात की रेलमपेल से राहगीरों का पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. ओवर ब्रिज से ही इस समस्या का हल निकल सकता है. मनीषनगर निवासी संदीप कुमार भी रेलवे क्रॉसिंग पर लगने वाले ट्राफिक जाम से बहुत परेशान हैं. वे कहते हैं, अगर हमें कहीं तत्काल जाना है तो यह हमारे लिए संभव नहीं हो पाता, क्योंकि हर पांच मिनट में रेलवे गेट बंद होता है.हितेश वाघ ने बताया कि वर्षों से इस परेशानी से जूझ रहे लोग अब तंग आ चुके हैं.
ट्राफिक संभालना भारी सिर दर्द :गेट मैन
मनीषनगर रेलवे बूथ के गेट मैन जयदेव तिमाजी के अनुसार, बुधवार के दिन तो यहां यातायात नियंत्रित करना बड.ा सिर दर्द होता है. बुधवार बाजार का दिन होने के कारण मार्ग पर गाड.ियां पार्क की जाती हैं. गेट बंद करने से लेकर गेट खुलने तक पूरी प्रक्रिया में कम से कम 20 से 30 मिनट खर्च होते हैं और लोगों को रेलवे गेट खुलने का इंतजार करना पड.ता है. गेट मैन श्रावण आनंदराव के अनुसार रेलवे गेट खुलते ही भारी यातायात से रेलवे क्रासिंग पूरी तरह से जाम हो जाती है. यातायात के नियंत्रण के लिए दो यातायात कर्मचारियों की मांग की गई, पर अब तक यहां एक भी यातायात कर्मी की व्यवस्था नहीं की गई. गेट मैन के अनुसार तीन वर्ष पहले यहां ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव मंजूर हुआ था, पर प्रस्ताव असफल रहा.
मनीषनगर निवासी राजू बाराहाते ने बताया कि सालों से हम रेलवे गेट की परेशानियों से जूझ रहे हैं, पर हमारी परेशानियों को सुलझाने वाला कोई नहीं है. यहीं के बिपिन खेरडकर ने कहा कि रेलवे क्रॉसिंग के दोनों ओर रोड डिवाइडर तक की व्यवस्था नहीं है. गेट खुलते ही इंतजार में खडे. लोग जल्दी निकलने की फिराक में रहते हैं. वाहनधारक चिलचिलाती धूप में लंबे इंतजार से आगबबूला होकर एक-दूसरे की गाड.ियों को ठोंक देते हैं. ब्रिजेश शर्मा ने कहा कि
वर्धा रोड की ओर जाने के लिए मजबूरन मनीषनगर रेलवे गेट से होकर गुजरना पड.ता है. सुबह स्कूली बच्चे और ऑफिस जाने वाले लोगों से यातायात बाधित होता है. रेलवे गेट कब बंद होगा इसका कोई भरोसा नहीं है. इसलिए लोग अपनी सुविधा के अनुसार गेट बंद होने की मुसीबत से बचने के लिए आधा से एक घंटा पहले ही घर से निकलते हैं, ताकि स्कूल और ऑफिस के लिए देरी न हो. लोगों को रेलवे क्रॉसिंग से गुजरते वक्त बहुत मशक्कत करनी पड.ती है.पर्यावरण नगर निवासी अर्चना शर्मा ने बताया कि गेट खुलने के बाद भारी यातायात की रेलमपेल से राहगीरों का पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. ओवर ब्रिज से ही इस समस्या का हल निकल सकता है. मनीषनगर निवासी संदीप कुमार भी रेलवे क्रॉसिंग पर लगने वाले ट्राफिक जाम से बहुत परेशान हैं. वे कहते हैं, अगर हमें कहीं तत्काल जाना है तो यह हमारे लिए संभव नहीं हो पाता, क्योंकि हर पांच मिनट में रेलवे गेट बंद होता है.हितेश वाघ ने बताया कि वर्षों से इस परेशानी से जूझ रहे लोग अब तंग आ चुके हैं.
ट्राफिक संभालना भारी सिर दर्द :गेट मैन
मनीषनगर रेलवे बूथ के गेट मैन जयदेव तिमाजी के अनुसार, बुधवार के दिन तो यहां यातायात नियंत्रित करना बड.ा सिर दर्द होता है. बुधवार बाजार का दिन होने के कारण मार्ग पर गाड.ियां पार्क की जाती हैं. गेट बंद करने से लेकर गेट खुलने तक पूरी प्रक्रिया में कम से कम 20 से 30 मिनट खर्च होते हैं और लोगों को रेलवे गेट खुलने का इंतजार करना पड.ता है. गेट मैन श्रावण आनंदराव के अनुसार रेलवे गेट खुलते ही भारी यातायात से रेलवे क्रासिंग पूरी तरह से जाम हो जाती है. यातायात के नियंत्रण के लिए दो यातायात कर्मचारियों की मांग की गई, पर अब तक यहां एक भी यातायात कर्मी की व्यवस्था नहीं की गई. गेट मैन के अनुसार तीन वर्ष पहले यहां ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव मंजूर हुआ था, पर प्रस्ताव असफल रहा.
News taken from Lokmat E-Paper
No comments:
Post a Comment