Monday, January 30, 2012

नागपुर कल्मना स्थित छह मंजिला ईमारत गिरी

कलमना के चिखली लेआउट स्थित कोल्ड स्टोरेज अवैध रूप से चल रहा था. स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत के परिणामस्वरूप कोल्ड स्टोरेज में कार्यरत करीब 40 कर्मचारियों की जान पर बन आई है.
किसी भी इमारत के नक्शे को मंजूरी देने के बाद निर्माण कार्य पर नजर रखने की जिम्मेदारी मंजूरी देने वाली एजेंसी की होती है. इस मामले में यह इमारत नागपुर सुधार प्रन्यास के दायरे में आती है. नासुप्र सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोल्ड स्टोरेज कीइमारत बनाने की अनुमति अगस्त 2010 में दी गईथी. चूंकि इमारत का निर्माण अभी चल ही रहा था, अत: इमारत के मालिक को नासुप्र की ओर से ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया था.
जानकारों ने इस पर आश्‍चर्य व्यक्त किया है कि ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के बिना इस इमारत में कोल्ड स्टोरेज की अनुमति कैसे दी गई. कोल्ड स्टोरेज चलाने के लिए उद्योग विभाग, दमकल विभाग के साथ ही नासुप्र से भी अनुमति लेनी होती है. इतना ही नहीं इस इमारत को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के बगैर बिजली की आपूर्ति भी नहीं की जा सकती. किंतु इमारत में धड.ल्ले से कोल्ड स्टोरेज चल रहा था. इसका सीधा अर्थ है कि उद्योग, दमकल, नासुप्र तथा दमकल अधिकारियों की मिलीभगत के चलते यहां अवैध रूप से कोल्ड स्टोरेज चल रहा था.
 जानकारोंका दावा है कि शहर की 90 फीसदी इमारतों के पास ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं है. पिछले कुछ वर्षोंसे भवन निर्माताओं ने यह सर्टिफिकेट लेना आरंभ किया है. कहा जाता है कि इमारत के निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया. इसके साथ ही इमारत की ऊपरी मंजिलों पर कोल्ड स्टोरेज में रखने के लिए सोयाबीन के बोरे बड.ी मात्रा में रखे गए थे. घटिया निर्माण की वजह से ऊपरी मंजिल पर अत्यधिक बोझ पड.ने से ही इमारत के ढहने की आशंका जताई जा रही है.

जानकारोंने इस बात पर भी आश्‍चर्य जताया है कि शहर में बनने वाली इमारतों की स्ट्रक्चरल डिजाइनिंग की जांच के लिए कोई विशेषज्ञ मनपा और नासुप्र के पास नहीं है. जानकारोंका दावा है कि औद्योगिक इमारतों के मामले में इस बात की पुख्ता जांच होना आवश्यक है कि इमारत की स्ट्रक्चरल डिजाइन कैसी है. जानकारोंका सुझाव है कि भविष्य में वीएनआईटी जैसी किसी एजेंसी के विशेषज्ञ की मदद से इमारतों की जांच की जानी चाहिए.

मेयो पहुंचाए लगे घायल: मलबे से निकाले गए जख्मियों को मेयो अस्पताल पहुंचाया गया. जहां मिनीमाता नगर निवासी संतराम भारती (50), दिलीप वालदे (60) को मृत घोषित कर दिया गया. जबकि घायलों में पवन वंजारी (20), लड.की सरजू पंदरे (16), चौकीदार की लड.की सरिता (10), राजेश गायकवाड. (32), राजू वैरागडे (35), जीवन कोसरे (32) और चैनलाल पखले (30) का समावेश है. यह है अवैध निर्माण की भयावह परिणति और लापरवाह व्यवस्था का घिनौना काला चेहरा भी. एक व्यक्ति पैसे के दम पर एक इमारत का निर्माण शुरू करता है, मंजिलों पर मंजिल चढ.ाता जाता है, पूरी तरह गैरकानूनी तरीके से और व्यवस्था आंख मूंदकर सबकुछ देखती रहती है. एक दिन इमारत ढह जाती है और इसे ऊंचा उठाने वाला मजदूर इसका शिकार हो जाता है. इस जानलेवा करतूत के दोषियों को क्या कोई सजा मिल पाएगी?

2 comments:

  1. Iska mukhay karan hai hamari sarkar jo ki kisi bhi ksm ko thik se anjam nahi de sakti. Eisi Imartoko girana hi thik haota hai jo logoko nuksan pahuchaye ya jiski umra ab khatam ho chuki ho.

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