राजस्व मुख्यालयोंको लोडशेडिंग से मुक्त रखने का निर्णय लेने के बाद अब महावितरण पर नागपुर और औरंगाबाद में अधिक बिजली-हानि के चलते पुन:लोडशेडिंग की नौबत आने वाली है. यदि अगले तीन महीनों में इन दोनों शहरों में बिजली-हानि तय सीमा के तहत नहीं आती है तो नागरिकोंको दोबारा साढे. पांच घंटे की लोडशेडिंग का सामना करना पड. सकता है.
पिछले वर्ष महावितरण ने गाजे-बाजे के साथ राजस्व मुख्यालयोंको लोडशेडिंग से मुक्त करने की घोषणा की थी. इसके बाद महावितरण ने दो मई से एक नया प्रोटोकॉल लागू किया था, जिसमें उन्हीं इलाकों में लोडशेडिंग करने का फैसला किया गया, जहांहानि 34 फीसदी से अधिक है. साथ ही 50 फीसदी से अधिक हानि वाले क्षेत्रों में लोडशेडिंग का पालन कड.ाई से करने का निर्णय लिया गया.
महावितरण के इस फैसले को ग्राहक प्रतिनिधि प्रताप होगाडे. ने एमईआरसी मेंएक याचिका दायर करते हुए चुनौती दी. श्री होगाडे. का कहना था कि जिन राजस्व मुख्यालयों में हानि अधिक है, वहां के बारे में महावितरण ने क्या निर्णय लिया है. इन इलाकों को लोडशेडिंग से मुक्त कैसे रखा जा सकता है? एमईआरसी में दायर याचिका के बाद महावितरण ने राजस्व मुख्यालयों को लोडशेडिंग मुक्त करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करते हुए आला अधिकारियों को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में साफ कहा गया है कि जहां लोडशेडिंग नियमानुसार 34 फीसदी से अधिक हो रही है, वहां पूर्व निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार ही लोडशेडिंग की जाए.
महावितरण की ओर से दो मई से लागू प्रोटोकॉल के अनुसार अब 34 से 42 फीसदी हानि वाले डिवीजन ग्रुप में साढे. पांच घंटे लोडशेडिंग की जानी है. वर्तमान में महावितरण मुख्यालय के अनुसार नागपुर की बिजली हानि 36.3 फीसदी है. अत: नागपुर के फ्रेंचाइजी के तहत आने वाले इलाकोंमें साढे. पांच घंटे
News taken from Lokmat E-paper
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