जैसी कि आशंका थी,
प्रशासनिक लापरवाही के कारण कलमना के चिखली ले आऊट में ढहे कोल्ड स्टोरेज
के मलबे मे दबे लोग दम तोडते जा रहे हैं. बुधवार को पांच शव और निकाले गए.
इसमें व्यापारी पवनकुमार केड.िया और तीन मजदूर शामिल हैं.चौथे की पहचान अभी
नहीं हो पाई है. स्थानीय प्रशासन ने अगर मुस्तैदी दिखाई होती तो शायद इन
लोगों की जान बच सकती थी. प्रशशसन के रवैये से तो यही लगता है कि मलबे में
फंसे बाकी लोगों की जिंदगी शायद ही बच सके. अब तक सात शव निकाले जा चुके
हैं जबकि आठ अभी भी फंसे हुएहैं. उनके बचने की दुआएं की जा रही हैं.
आश्चर्यजनक बात यह है कि स्थानीय प्रशासन ने बार-बार बचाव कार्य को रोका. पहले दिन की तर्ज पर मंगलवार की तड.के 3 बजे बचाव कार्य बंद कर दिया गया था. बचाव कार्य में जुटे कार्यकर्ताओं की थकावट और मशीन का ईंधन खत्म होने का हवाला देते हुएमलबे में दबे लोगों के परिजनों को दिलासा देकर चुप करा दिया गया. दुर्घटना की भीषणता को देखते हुए अस्थानीय प्रशासन अतिरिक्त राहतकर्मी और ईंधन जुटाता तो बचाव कार्य एक क्षण के लिएभी नहीं रुकता और मलबे में फंसे लोगों की जान शायद बच जाती.
आज तीसरे दिन भी सुबह 9 बजे बचाव कार्य आरंभ किया. फंसे हुए लोगों के परिजनों से मिली जानकारी के आधार पर कोल्ड स्टोरेज के सामने और पिछले हिस्से से मलबा हटाने की शुरुआत की गई. स्थानीय प्रशासन ने ऊपरी मलबे को हटाने के लिएक्रेन की मदद ली, लेकिन उससे कोई विशेष फर्कनहीं होने से क्रेन को हटा दिया गया. स्थानीय प्रशासन ने मदद के लिए आज प्रादेशिक सेना तथा दमकल जवानों के साथ अकोला के संत गाडगेबाबा आपातकालीन दल को भी बुला लिया था. आज सुबह ही 15 लोगों का दल नागपुर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गया. सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक महज मलबा हटाने पर जोर दिया गया. बाहरी हिस्से का मलबा हटने से भीतर फंसे मजदूरों के दिखाई देने की आशंका से बचाव कार्य सावधानी से आगे बढ.ाया गया. दोपहर 1 बजे प्रवेश द्वार के पास कपड.ा दिखाई देने पर आनंद राहुल की पत्नी संयुक्ता के सुरक्षित बच निकलने की आशंका व्यक्त की जाने लगी. जेसीबी की मदद से उसी स्थान से मलबा हटाने की शुरुआत की गई. शाम 4 बजे कोयला व्यापारी पवनकुमार केड.िया का शव दिखाई दिया. हाथ की अंगूठी से उनकी पहचान हुई. मलबे के करीब जाने पर केड.िया का शव पिलर में फंसा होने का पता चला. केड.िया का शव बाहर
निकालने के बाद संयुक्ता और अन्य लोगों की खोज आरंभ की गई. संयुक्ता के प्रवेश द्वार के पास जबकि अन्य लोगों के लिफ्ट और सीढ.ियों के बीच फंसे होने की जानकारी के आधार पर मलबा हटाना जारी रखा गया. रात 9 बजे राजू गणेश फटिंग (32) भांडेवाड.ी का शव बचाव कर्मियों के हाथ लगा. उसके शव से मामूली अंतर पर पडे. सोनू साधुराम चंद्रलेख (36) देशपांडे ले-आउट और रामाधार कंडुराम साहू (35) डिप्टी सिग्नल के शव भी निकाल लिए गए.
आश्चर्यजनक बात यह है कि स्थानीय प्रशासन ने बार-बार बचाव कार्य को रोका. पहले दिन की तर्ज पर मंगलवार की तड.के 3 बजे बचाव कार्य बंद कर दिया गया था. बचाव कार्य में जुटे कार्यकर्ताओं की थकावट और मशीन का ईंधन खत्म होने का हवाला देते हुएमलबे में दबे लोगों के परिजनों को दिलासा देकर चुप करा दिया गया. दुर्घटना की भीषणता को देखते हुए अस्थानीय प्रशासन अतिरिक्त राहतकर्मी और ईंधन जुटाता तो बचाव कार्य एक क्षण के लिएभी नहीं रुकता और मलबे में फंसे लोगों की जान शायद बच जाती.
आज तीसरे दिन भी सुबह 9 बजे बचाव कार्य आरंभ किया. फंसे हुए लोगों के परिजनों से मिली जानकारी के आधार पर कोल्ड स्टोरेज के सामने और पिछले हिस्से से मलबा हटाने की शुरुआत की गई. स्थानीय प्रशासन ने ऊपरी मलबे को हटाने के लिएक्रेन की मदद ली, लेकिन उससे कोई विशेष फर्कनहीं होने से क्रेन को हटा दिया गया. स्थानीय प्रशासन ने मदद के लिए आज प्रादेशिक सेना तथा दमकल जवानों के साथ अकोला के संत गाडगेबाबा आपातकालीन दल को भी बुला लिया था. आज सुबह ही 15 लोगों का दल नागपुर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गया. सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक महज मलबा हटाने पर जोर दिया गया. बाहरी हिस्से का मलबा हटने से भीतर फंसे मजदूरों के दिखाई देने की आशंका से बचाव कार्य सावधानी से आगे बढ.ाया गया. दोपहर 1 बजे प्रवेश द्वार के पास कपड.ा दिखाई देने पर आनंद राहुल की पत्नी संयुक्ता के सुरक्षित बच निकलने की आशंका व्यक्त की जाने लगी. जेसीबी की मदद से उसी स्थान से मलबा हटाने की शुरुआत की गई. शाम 4 बजे कोयला व्यापारी पवनकुमार केड.िया का शव दिखाई दिया. हाथ की अंगूठी से उनकी पहचान हुई. मलबे के करीब जाने पर केड.िया का शव पिलर में फंसा होने का पता चला. केड.िया का शव बाहर
निकालने के बाद संयुक्ता और अन्य लोगों की खोज आरंभ की गई. संयुक्ता के प्रवेश द्वार के पास जबकि अन्य लोगों के लिफ्ट और सीढ.ियों के बीच फंसे होने की जानकारी के आधार पर मलबा हटाना जारी रखा गया. रात 9 बजे राजू गणेश फटिंग (32) भांडेवाड.ी का शव बचाव कर्मियों के हाथ लगा. उसके शव से मामूली अंतर पर पडे. सोनू साधुराम चंद्रलेख (36) देशपांडे ले-आउट और रामाधार कंडुराम साहू (35) डिप्टी सिग्नल के शव भी निकाल लिए गए.
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