मनपा चुनाव के परिणामों ने इस बात के स्पष्ट संकेत दे दे दिए है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गड.करी अपने गृह नगर नागपुर से ही लोकसभा चुनाव लडे.ंगे. मौजूदा सांसद एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव विलास मुत्तेमवार एवं श्री गडकरी ने मनपा चुनाव में अपनी-अपनी पार्टी को विजयश्री दिलाने के लिए जम कर परिश्रम किया. लेकिन, गड.करी के सेनापतियों की मेहनत रंग लाई और भाजपा-शिवसेना-आरिपा युति ने कामयाबी हासिल की. कुल मिला कर यह चुनाव लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल बन गया था जिसमें बाजी गडकरी के हाथ लगी.
उल्लेखनीय है कि गड.करी के लोकसभा चुनाव लड.ने की संभावना को देखते हुए मनपा चुनाव को अगले लोकसभा चुनाव के ट्रेलर के रूप में देखा जा रहा था. यह तय माना जा रहा था कि अगर भाजपा सत्ता में वापसी करती है तो गड.करी लोकसभा चुनाव नागपुर से ही लडे.ंगे और मुत्तेमवार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उनके समक्ष होंगे. हालांकि भाजपा के नेता मनपा चुनाव को लोकसभा चुनाव से जोड.ने से इंकार कर रहे हैं. लेकिन, पार्टी की तैयारियों को देखते हुए सहज अंदाज हो जाता है कि सब कुछ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए किया जा रहा है. पार्टी ने मोमिनपुरा जैसे इलाकों में जम कर मेहनत की जहां अब तक उसका कोई जनाधार नहीं था.
ऐसे में पार्टी ने बड.ी सूझबूझ के साथ इस इलाके के लिए रणनीति अख्तियार की. खुद गड.करी ने दो महीने पहले एक सभा में जैतूनबी अशफाक अहमद को पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिया था. पार्टी की रणनीति काम कर गई. नतीजतन पार्टी ने मोमिनपुरा के अलावा हंसापुरी और गांधीबाग की सीटों पर भी कब्जा कर लिया. इसी प्रकार दलित बहुल इलाकों में भी जनाधार बढ.ाने का पुरजोर प्रयास किया गया.
संदीप गवई को दक्षिण नागपुर से निकाल कर वीएनआईटी से चुनाव लड.वाया गया. हालांकि वे हार गए लेकिन, पार्टी के लिए माहौल जरूर बना दिया. इसी प्रकार उत्तर नागपुर में भी खासी मेहनत की गई. गड.करी ने भी अपने लिए मनपा चुनाव की अहमियत को देखते हुए जम कर मेहनत की, पसीना बहाया. दिन में उत्तर प्रदेश में प्रचार करने के बाद उन्होंने शाम को नागपुर में सभाओं को संबोधित किया. बहरहाल सांसद विलास मुत्तेमवार ने लोकसभा चुनाव में खतरे की आशंका को खारिज करते हुए साफ कहा कि कांग्रेस अगले चुनाव में वापसी करेगी. भाजपा ने अगर गड.करी को उतारा तो भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड.ता
उल्लेखनीय है कि गड.करी के लोकसभा चुनाव लड.ने की संभावना को देखते हुए मनपा चुनाव को अगले लोकसभा चुनाव के ट्रेलर के रूप में देखा जा रहा था. यह तय माना जा रहा था कि अगर भाजपा सत्ता में वापसी करती है तो गड.करी लोकसभा चुनाव नागपुर से ही लडे.ंगे और मुत्तेमवार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उनके समक्ष होंगे. हालांकि भाजपा के नेता मनपा चुनाव को लोकसभा चुनाव से जोड.ने से इंकार कर रहे हैं. लेकिन, पार्टी की तैयारियों को देखते हुए सहज अंदाज हो जाता है कि सब कुछ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए किया जा रहा है. पार्टी ने मोमिनपुरा जैसे इलाकों में जम कर मेहनत की जहां अब तक उसका कोई जनाधार नहीं था.
ऐसे में पार्टी ने बड.ी सूझबूझ के साथ इस इलाके के लिए रणनीति अख्तियार की. खुद गड.करी ने दो महीने पहले एक सभा में जैतूनबी अशफाक अहमद को पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिया था. पार्टी की रणनीति काम कर गई. नतीजतन पार्टी ने मोमिनपुरा के अलावा हंसापुरी और गांधीबाग की सीटों पर भी कब्जा कर लिया. इसी प्रकार दलित बहुल इलाकों में भी जनाधार बढ.ाने का पुरजोर प्रयास किया गया.
संदीप गवई को दक्षिण नागपुर से निकाल कर वीएनआईटी से चुनाव लड.वाया गया. हालांकि वे हार गए लेकिन, पार्टी के लिए माहौल जरूर बना दिया. इसी प्रकार उत्तर नागपुर में भी खासी मेहनत की गई. गड.करी ने भी अपने लिए मनपा चुनाव की अहमियत को देखते हुए जम कर मेहनत की, पसीना बहाया. दिन में उत्तर प्रदेश में प्रचार करने के बाद उन्होंने शाम को नागपुर में सभाओं को संबोधित किया. बहरहाल सांसद विलास मुत्तेमवार ने लोकसभा चुनाव में खतरे की आशंका को खारिज करते हुए साफ कहा कि कांग्रेस अगले चुनाव में वापसी करेगी. भाजपा ने अगर गड.करी को उतारा तो भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड.ता
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